- जिला कमेटी शिमला की बैठक जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा की अध्यक्षता में शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा, महासचिव अजय दुलटा, रमाकांत मिश्रा, बालक राम, हिमी देवी, अमित कुमार, भूप सिंह, रामप्रकाश, दलीप, सुनील मेहता, राजपाल भंडारी, चंद्रपाल, दिनेश मेहता, विनोद, निशा, शांति, राजमिला, नोख राम, नरेश, प्रताप, दीप राम, अनुज, धनी राम, बबलू चौहान, सुनील नेंटा, संदीप, चमन, जगत राणा, बलबीर, अनिल, सचिन खिंट्टा, ओमप्रकाश, मीन चंद, अनिल, अमरा, पुष्पा, ओमप्रकाश व नरेश आदि बैठक में शामिल रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू राज्य कमेटी के आह्वान पर शिमला, रामपुर व रोहड़ू में 18 जुलाई को विशाल प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किए जाएंगे।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा व महासचिव अजय दुलटा ने कहा कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, अग्निवीर, आयुद्धवीर, कोयलावीर व अन्य फिक्स टर्म रोज़गार को रद्द करने, ईपीएफ, ईपीएस, ईडीएलआई सुविधा की अवहेलना करने पर सज़ा शर्तों में कटौती करने, असंगठित मजदूरों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने, ठेका मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम कर्मियों की ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने, आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील कर्मियों को नियमित करने, उन्हें न्यूनतम वेतन देने व उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्या बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने, एसटीपी मजदूरों के लिए शेडयूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करने, आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, औद्योगिक मजदूरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देने, तयबजारी को उजाड़ने के खिलाफ, काम के घण्टे 8 से बढ़ाकर 12 घण्टे करने के खिलाफ, आईटी, आईटीईएस उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट देने के खिलाफ, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों कल लागू करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मियों को बहाल करने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि मांगों को लेकर सीटू मजदूरों व जनता में जाएगा तथा उनसे मजदूर व मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की आह्वान करेगा।