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देश में 93 प्रतिशत से अधिक महिलाओं के पास शौचालय की सुविधा है – सी.आर. पाटिल

नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में आयोजित अभियान के उद्घाटन समारोह के अवसर पर केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा की केंद्र सरकार इस वर्ष के स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की थीम ‘स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4एस)’ 2024 अभियान के दौरान लगभग दो लाख बहुत कठिन और गंदे स्थानों के समयबद्ध और लक्षित परिवर्तन का लक्ष्य बना रही है।
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष यह अभियान ‘स्वच्छता ही सेवा है’ से समाज के प्रत्येक व्यक्ति के ‘स्वच्छता ही स्वभाव और संस्कार है’ की ओर एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन होने के नाते यह अभियान पूरे समाज और पूरी सरकार को वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण स्थापित करने के लिए आगे लाने का एक माध्यम मात्र है।
ये स्वच्छता लक्ष्य इकाइयां (सीटीयू) इस वर्ष के अभियान के संदर्भ में मुख्य आकर्षण हैं और इसमें एक पोर्टल के माध्यम से सीटीयू की पहचान और मानचित्रण शामिल है।
मंत्रियों ने बताया कि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों, उद्योग भागीदारों और गैर-सरकारी संगठनों को सीटीयू अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभियान में श्रमदान और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से पर्यटक स्थलों, सार्वजनिक भवनों, वाणिज्यिक क्षेत्रों, सामुदायिक शौचालयों, सार्वजनिक शौचालयों, जल निकायों, चिड़ियाघरों, अभयारण्यों जैसे विभिन्न स्थलों पर बृहद सफाई अभियान शामिल हैं।
सभी केंद्रीय मंत्रालय और राज्य इस अभियान को ध्यान में रखते हुए नागरिक सहभागिता गतिविधियों की योजना बना रहे हैं। यह अभियान 17 सितंबर से शुरू होगा और 2 अक्टूबर, 2024 को महात्मा गांधी की जयंती पर समाप्त होगा।
मनोहर लाल ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में लगभग 2,300 डंप साइट हैं, जिनमें 22 करोड़ मीट्रिक टन कचरा है, जिनमें से 9 करोड़ मीट्रिक टन कचरे वाले 427 करोड़ डंप साइट को पूरी तरह से ठीक कर दिया गया है और 4,500 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने से लेकर 100 प्रतिशत प्रसंस्करण तक बदलाव लाना है।

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि देश में 93 प्रतिशत से अधिक महिलाओं के पास शौचालय की सुविधा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मिशन के पहले पांच वर्षों के दौरान शिशु मृत्यु दर में लगभग तीन लाख की कमी आई है। पाटिल ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से घोषित स्वच्छ भारत मिशन व्यवहार परिवर्तन के लिए एक जन आंदोलन बन गया है और अब इसे विश्व स्तर पर शिशु मृत्यु दर, बीमारी में कमी और बेहतर आजीविका के अवसरों के लिए एक सशक्त क्रियाकलाप के रूप में पहचाना जाता है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू के साथ आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), जल शक्ति मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

स्वच्छता के लिए परिवर्तनकारी प्रयासों का एक दशक

स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) अभियान, जिसे पहली बार 2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। यह मिशन, ‘सम्पूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो स्वच्छता को ‘हर किसी का काम’ की श्रेणी में लाता है।

इस अभियान का उद्देश्य स्थायी व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने, स्वच्छता को दैनिक आदतों में शामिल करने और स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में बदलाव को प्रेरित करना है।इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दोहराते हुए कहा कि कैसे स्वच्छता भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है, जो पूरे देश में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है। इस वर्ष का अभियान ‘स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4एस)’ थीम के अंतर्गत मनाया जा रहा है और यह 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक चलेगा, जो स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।

अभियान के प्रमुख स्तंभ

इस वर्ष का स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4एस) 2024 अभियान तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है:

1. स्वच्छता की भागीदारी – स्वच्छ भारत के लिए जन भागीदारी, जागरूकता और परामर्श।

2. संपूर्ण स्वच्छता – कठिन और गंदे स्थानों (स्वच्छता लक्षित इकाइयों) का लक्ष्य बनाकर बृहद सफाई अभियान।

3. सफाई मित्र सुरक्षा शिविर – सफाई कर्मचारियों के कल्याण और स्वास्थ्य के लिए एकल-खिड़की सेवा, सुरक्षा और मान्यता शिविर।

‘संपूर्ण समाज’ और ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण

‘संपूर्ण समाज’ दृष्टिकोण को अपनाते हुए अभियान में नागरिकों, उद्योगों, गैर-सरकारी संगठनों, विकास संगठनों, शहरी स्थानीय निकायों, पंचायतों और विभिन्न हितधारकों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के माध्यम से, सभी राज्य, केंद्रशासित प्रदेश, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रालय और स्थानीय निकाय स्वच्छता के लिए वास्तव में राष्ट्रव्यापी आंदोलन सुनिश्चित करने के लिए भाग लेंगे। जैसे-जैसे यह अभियान स्वच्छ भारत दिवस के करीब आता जाएगा, अभियान में गति आती रहेगी, अधिकाधिक जन भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा, जागरूकता बढ़ेगी तथा स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान मिलेगा।

 

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