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पिहोवा के श्री गोविंदानंद आश्रम में देवप्रबोधिनी एकादशी को भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह आयोजित ।

कुरुक्षेत्र ,(राणा) । ठाकुरद्वारा श्री गोविंदानंद आश्रम पिहोवा में महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज एवं महंत बंशी पुरी जी महाराज के आशीर्वाद से महंत सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में मंगलवार को आश्रम में देवप्रबोधिनी एकादशी को भक्तों ने सामूहिक रीति से भगवान शालिग्राम और तुलसी जी का वैदिक शास्त्रों अनुसार विवाह किया गया। कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवत्व प्रबोधन एकादशी मनाई जाती है। मान्यता है कि देव प्रबोधन मंत्रों से दिव्य तत्वों की जागृति होती है।

मुख्य यजमान संजीव गर्ग,सरिता गर्ग एवं वीरेंद्र गर्ग ने सपरिवार से पण्डित आशीष शर्मा ने वैदिक मंत्रोचारण द्वारा पूजा करवाई।
आयोजन में षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव एवं आश्रम में सह संरक्षक वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक भी मौजूद रहे।
महंत सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज ने बताया कि आज भगवान विष्णु जाग रहे है I तुलसी और विष्णु के विवाह के साथ ही आज से शादियों का मौसम शुरू हो रहा है I कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं I धर्म ग्रंथों के अनुसार देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार महीनों की नींद से जागते हैं I इसे देवोत्थापनी या देवउठनी एकादशी भी कहते है I

विवाह समारोह में नगर के गणमान्यजन सम्मिलित रहे I
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है I हिंदू शास्त्रों के अनुसार कार्तिक शुक्ल एकादशी को पूजा-पाठ, व्रत-उपवास किया जाता है I इस तिथि को रात्रि जागरण भी किया जाता है I देवप्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवद्य, पुष्प, गंध, चंदन, फल और अर्घ्य आदि अर्पित किया जाता है। भगवान विष्णु जी की प्रसन्नता हेतु महिला मंडल द्वारा नृत्य भजन कीर्तन सत्संग आदि किया गया I

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