भिवानी(15 सितंबर, 2024) भाजपा के कुशासन और स्थानीय विधायक की निष्क्रियता के कारण भिवानी शहर में पीने के गंदे पानी, खराब सीवरेज व्यवस्था, टूटी पड़ी सड़कों और बढ़ती गुंडागर्दी से मुक्ति के लिए कांग्रेस समर्थित सीपीएम उम्मीदवार कामरेड ओमप्रकाश को जनसभा में मिला भारी समर्थन।
चुनावी अभियान के तहत भिवानी शहर की सेक्टर 23, नेहरू कॉलोनी, सेक्टर 13, डीसी कॉलोनी, फ्रेंड्स कालोनी समेत एक दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक डॉ शिव शंकर भारद्वाज, पवन बुवानीवाला और कमल प्रधान ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने नागरिक सुविधाओं के नाम पर शहरवासियों से भारी लूट की है।
प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर करोड़ों रुपए एक कंपनी को मनमाने ढंग से दे दिए गए और इस निजी कंपनी द्वारा की गई अनियमितताओं को आज भिवानी समेत पूरे प्रदेश की शहरी आबादी झेलने को मजबूर हैं। स्वच्छ भारत का ढकोसला करने वाली भाजपा ने शहरों में सफाई के नाम पर ठेकेदारों को भारी फायदा पहुंचाया और शहरवासियों को खराब सीवरेज व्यवस्था और पीने का साफ पानी तक के लिए तरस रहे हैं। वहीं शहरी निकायों में कार्यरत सफाई कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी के बहुमत कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा के तहत थोड़े वेतन पर भारी शोषण किया गया।
सड़कों के निर्माण के नाम पर भारी सरकारी धन की भारी लूट की गई। परंतु भिवानी शहर की जनता को गड्ढों से मुक्ति नहीं मिल पाई। नगर परिषद भिवानी में भाजपा शासनकाल में पूरी तरह भ्रष्ट तंत्र हावी है और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई करने की बजाय भाजपा सरकार आंखें मूंदे बैठी रही।
जनसभाओं में उपस्थित नागरिकों के प्रति गहरा आभार प्रकट करते हुए उम्मीदवार कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि इन ज्वलंत मुद्दों के समाधान के लिए एक संवेदनशील और निर्भीक जनप्रतिनिधि का चुनाव बेहद जरूरी है। भिवानी विधानसभा में संयुक्त उम्मीदवार की जीत प्रदेश के अंदर बेहतर जनपक्षीय नीतियों को आगे बढ़ाने में मिसाल कायम करेगा। इन जनसभाओं के दौरान मास्टर दीवान सिंह जाखड़, महेंद्र श्योराण,कांग्रेस नेता तकदीर ग्रेवाल, छाजूराम घनघस, एडवोकेट राकेश नेहरा, सज्जन सिंगला, रमेश तंवर, पूर्व पार्षद बलवान, अशोक राघव, नंदलाल सांगवान, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के भिवानी हल्का संयोजक सतबीर शर्मा, बिमला घनघस, रतन कुमार जिंदल, संतोष देशवाल,सरोज शयोरण रिसाल कौर, अनीता साहू, नरेश शर्मा, जगदीश, जयबीर सीसर, राधेश्याम वाल्मीकि ने भी अपने विचार रखें।
