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आरईसीपीडीसीएल ने तुमकुर-II आरईजेड पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को मेसर्स जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा

आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत महारत्न सीपीएसयू, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी द्वारा गुरुग्राम में एक परियोजना विशिष्ट एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) अर्थात तुमकुर-II आरईजेड पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को मेसर्स जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंप दिया गया।
मेसर्स जी आर इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड बिल्ड, ओन, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओओटी) आधार पर उपरोक्त ट्रांसमिशन परियोजना के विकास के लिए आरईसीपीडीसीएल – बोली प्रक्रिया समन्वयक द्वारा आयोजित टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के माध्यम से ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (टीएसपी) के रूप में उभरी।
इस परियोजना में कर्नाटक के तुमकुर के निकट 400/220 केवी, 4 x 500 एमवीए पूलिंग स्टेशन की स्थापना तथा 27.2 किलोमीटर 400 केवी लाइन के साथ-साथ संबंधित कार्य शामिल हैं।
आरईसीपीडीसीएल के सीईओ टी.एस.सी. बोश ने जी.आर. इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रमुख ,सौरभ कौशिक को आरईसीपीडीसीएल, जीआरआईएल और सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एसपीवी को सौंपा। इस परियोजना को 24 महीनों में क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, कई राज्य बिजली वितरण कंपनियों/राज्यों के बिजली विभागों को ज्ञान-आधारित परामर्श और विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान कर रही है। आरईसीपीडीसीएल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में ट्रांसमिशन परियोजनाओं को भी लागू कर रही है।

आरईसीपीडीसीएल अंतर-राज्यीय और साथ ही अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन परियोजनाओं और टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से कार्यान्वित आरई-बंडलिंग परियोजनाओं के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में भी काम कर रही है। इस प्रकार आरईसीपीडीसीएल अपने विशेषज्ञ परामर्श, परियोजना कार्यान्वयन और लेनदेन सलाहकार सेवाओं के साथ देश के बिजली क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक ‘महारत्न’ कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 जून, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹ 5.30 लाख करोड़ और नेटवर्थ ₹ 72,351 करोड़ है।

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