विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम और एक प्रमुख एनबीएफसी आरईसी लिमिटेड ने जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) के साथ जेएनपीए की विभिन्न आगामी परियोजनाओं के लिए 45,000 करोड़ रुपये तक के वित्तपोषण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें वधावन बंदरगाह का विकास भी शामिल है।
आरईसी के कार्यकारी निदेशक, आईएएस, राहुल द्विवेदी ने जेएनपीए के अध्यक्ष अन्मेश शरद वाघ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
संजय सेठी, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन और बंदरगाह), महाराष्ट्र सरकार और आरईसी और जेएनपीए के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य जेएनपीए और आरईसी के बीच सहयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करना है, जिसके तहत जेएनपीए अपनी विशेषज्ञता के आधार पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में परियोजनाओं को क्रियान्वित करेगा और आरईसी आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराएगा।
जेएनपीए भारत सरकार का एक उपक्रम है, और यह एक प्रमुख कंटेनर हैंडलिंग बंदरगाह है, जो भारत के प्रमुख बंदरगाहों पर कुल कंटेनरीकृत कार्गो की मात्रा का लगभग 50% संभालता है।