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सर्दी में दिल को ठंडा पड़ने से बचाएं, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा होगा कम : डॉ. अनेजा

केयूके ,(राणा) । सर्दी का मौसम दिल पर भारी पड़ सकता है। इस मौसम में शरीर का तापमान मेंटेन करने के लिए ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं जिसके कारण दिल पर काफी दबाव पड़ता है। इतना ही नहीं हमारी रोज की कुछ गलतियां भी दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉ. अनेजा ने बताया की ठंड में जरा सी लापरवाही आपके तथा आपके परिवार की सेहत बिगाड़ सकती है। इससे बच्चे, बुजुर्ग व नौजवान सभी के लिए खतरा हो सकता है। ठंड की चपेट में आने से वायरल फीवर, सांस फूलने, हार्ट अटैक, पैरालायसिस सहित ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में थोड़ा सा एहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है। दिसम्बर महीने का पहला सप्ताह बीतने के बाद सर्द पछुआ हवाओं का दौर शुरू हो गया है। जिसकी वजह से गलन के साथ ठंड का असर भी बढ़ गया है।

डॉ अनेजा का कहना है कि आधे से ज्यादा मरीज ठंड जनित बीमारियों से पीड़ित होकर आ रहे हैं। कभी-कभी इनके लिए यह जानलेवा भी साबित हो जाती है। यही वह समय होता है जब हम अपनी ड्राई स्किन और रोज़ होने वाले फ्लू से भी परेशान होते हैं और इसी कारण मेहनत से बनाई छुट्टियों की योजना भी धराशायी हो जाती है। यही कारण है कि सर्दियों के मौसम में अधिकतर सर्दी और खांसी से परेशान मरीजों की संख्या अधिक होती है।

इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप स्वयं को सर्दी के मौसम में पूरे समय स्वस्थ एवं सुरक्षित रखें। हालांकि यह काम थोड़ा कठिन अवश्य है, लेकिन फिर भी कुछ तरीके ऐसे हैं जिनकी मदद से आप सामान्य रूप से होने वाली बीमारियों को अपने परिवार से दूर रख सकते हैं। सर्दी के मौसम में आप देखेंगे कि आपके आस पास घर हो या दफ्तर, हर जगह सर्दी और खांसी से परेशान व्यक्ति मिल ही जाएँगे।

हालांकि सामान्य रूप से होने वाली सर्दी से कोई विशेष परेशानी नहीं होती है लेकिन यदि इसका समय पर उपचार न किया जाये तब यह तेज़ सिरदर्द, खराब गले, बलगम जमा होना और नाक के इन्फेक्शन में बदल सकती है। इसलिए सामान्य रूप से होने वाली सर्दी से बचाव के लिए अच्छा होगा कि भली-प्रकार से जरूरत के अनुसार गरम कपड़े पहने जाएँ और जहां तक हो सके घरेलू उपचार जैसे गर्म पानी के गरारे करना, गरम पानी की भाप लेकर भी सर्दी और खांसी को दूर कर सकते हैं।

निमोनिया की बीमारी का सबसे पहला लक्षण ठंड लगना हो सकता है और यदि इसका उपचार न किया जाये तो यह नुकसानदेह भी हो सकता है। यह बैक्टीरिया से होने वाला इन्फेक्शन है और इसके कारण आपको दूसरी विभिन्न बीमारियाँ भी हो सकती हैं। लेकिन बीमारी के लक्षणों के आधार पर कभी-कभी मरीज को अधिक देखभाल की जरूरत होती है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है।

ड्राई स्किन :सर्दी में, विशेषकर कम नमी वाले मौसम में स्किन का ड्राई होना एक आम परेशानी है। सर्दी के मौसम में तेज़ गरम पानी से नहाने से बचना चाहिए जिससे आप स्किन पर होने वाली खुजली से बच सकें। इसके लिए अच्छी तरह से क्रीम या पेट्रोलियम जैली से स्किन को मॉस्चराइज करना चाहिए जिससे आप ड्राई स्किन की परेशानी से बच सकते हैं।

फ्लू :सर्दी के मौसम में फ्लू एक सामान्य रूप से होने वाली बीमारी मानी जाती है। इसके लिए बहुत जरूरी है कि अपने हमेशा खाने से पहले हाथ धो लें जिससे हर प्रकार के किटाणु हमसे दूर रह सकते हैं। इसके साथ ही हमेशा कान ढ़क कर और मोज़ों को पहन कर शरीर को गरम रखने का प्रयास करना चाहिए।

डॉ.अनेजा ने बताया कि सर्दी में होने वाली बीमारियों से बचाव कैसे करें

शरीर को गरम रखने के लिए थोड़े अधिक गरम कपड़े पहनें,स्वच्छता का ध्यान रखें,नियमित रूप से स्किन को मॉस्चराइज करें, ठंडा पानी पीने से बचें, तेज़ गरम पानी के स्नान से बचें, पौष्टिक भोजन करें ।सुबह उठने के बाद कुछ मिनट बिस्तर पर बैठें और हाथों को स्ट्रेच करें। इसके बाद पैरों को नीचे करके थोड़ा हिलाएं। थोड़ी देर बिस्तर पर बैठे रहें, फिर ही बेड से नीचे उतरें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा और दिल को नुकसान नहीं पहुंचेगा।

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