जनता इनको सबके सिखाए, कसम खाए मौकापरस्त नेता को वोट नहीं बड़ा सवाल: पांच साल मलाई खाने वाले चुनाव से पहले क्यों बदलते हैं दल….. अगर दम है तो पहले ही छोड़ों…. स्वार्थ खातिर विचारधारा एक सेकेंड में बदल जाती है…. टिकट नहीं मिला तो हिंदुत्व का राग अलापने वाले कांग्रेसी हो गए…. हिंदुत्व को गाली देने वाले टिकट कटते ही मोदी मोदी शुरू…… सत्ता का आनंद लेकर फिर पलटी ….. हरियाणा। हरियाणा की राजनीति ऐसे नेताओं के कारण विश्व के राजनीतिक मानचित्र पर इसलिए कलंकित है कि यहां स्वार्थी नेताओं की भरमार है। स्वार्थ भी अपना और अपने परिवार का। जनता को बेवकूफ बनाकर ये सत्ता का सुख बड़े मजे से भोगते हैं। इनकी कोई विचारधारा नहीं होती, ये सिर्फ़ सत्ता का आनंद लेने की चाह में लीन होते हैं। दल तो ऐसे नेता कपड़ों की तरह बदल लेते हैं। शाम को हिंदुत्व को गाली और अगले दिन सुबह मोदी मोदी या शाम को मोदी की जय अगले दिन सुबह जय कांग्रेस। ये बड़ा सवाल है, ऐसे नेता देश समाज, राज्य, नई पीढ़ी के लिए घातक हैं। अगर विचारधारा जहन में है तो जीवनपर्यंत उसी विचारधारा से जीना चाहिए। हरियाणा में ऐसे नेता भी हैं जिन्होंने दल नहीं बदले, उनका सम्मान आज भी है। तीन लालो के वंशज ही दल बदल लिस्ट में शामिल हो गए वो सिर्फ़ इसलिए की टिकट कट गया। ये बड़ा स्वार्थ है। ऐसे नेता भी हैं जो पांच साल विधायक रहे सरकार का आनंद लिया,अब पलटी मार दी। बड़ी बात ये है कि इनको शर्म भी नहीं आती, जिसको गाली दी वहीं अब गले मिलन। कैसी राजनीति है। अब जनता को जागना होगा जो मौकापरस्ती में दल बदले उसको वोट नहीं । कसम खानी होगी दल बदलू को वोट देने वाला नरक का भागीदार बनेगा। अगर जनता जाग गई तो ऐसे नेता अपना स्वार्थ छोड़ देश की भी सोचेंगे। अगर दल बदलना है तो चुनाव के समय ही क्यों , पहले बदल लो, बड़ी बात ये है कि इनको लेने वाले दल भी समारोह में माला पहना कर इनको लाते है।
जनता को अब इनको बताना होगा कि वोटर बेवकूफ नहीं है। पांच साल सत्ता की मलाई खाई और फिर दल बदल कर फिर मलाई खाने की तैयारी। ऐसे नेताओं को घर बैठाओ, जागो लोगों जागो, ये स्वार्थी नेता देश को डुबो देंगे। इनको सिर्फ़ सत्ता, पद और पैसे से मतलब है। दल बदलू का बहिष्कार आज की बड़ी जरूरत। …..देश भक्त की कलम से