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प्राकृतिक खेती के विस्तार हेतु बनेगी राष्ट्रीय कमेटी : शिवराज सिंह चौहान

कुरुक्षेत्र,(राणा) । राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी का प्राकृतिक कृषि मिशन अब पूरे देश में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के रूप में एक जनांदोलन का आकार लेगा और देश का किसान प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल आर्थिक रूप से सम्पन्न होगा बल्कि खेती की इस पारम्परिक तकनीक से भूमि की उर्वरा शक्ति में भी सुधार होगा, मित्रजीवों का संरक्षण होगा और पानी की भी 50 प्रतिशत तक बचत होगी। उक्त शब्द आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहे। उन्होंने फार्म पर गेंहू, चना और गन्ना, सरसों की मिश्रित फसलों को देखा और इस पर विस्तार से चर्चा भी की। आचार्य देवव्रत जी को उन्होंने प्राकृतिक खेती को देश-दुनिया के पटल पर एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित करने के लिए ‘कृषि़़ऋषि’ की उपाधि से नवाजा। इस अवसर पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, कृषि मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, ज्वाइंट सेक्रेटरी फ्रेंकलिन एल. खोबांग, पूर्णचन्द्र कृष्ण, डिप्टी सेक्रेटरी श्रीमती रचना कुमार, डा. गगनेश शर्मा, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरिओम, डॉ. बलजीत सहारण, डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार सहित कृषि विभाग के अनेक अधिकारी एवं कृषि विशेषज्ञ मौजूद रहे।

फार्म पर मंत्री महोदय ने ड्रेगन फ्रूट, सेब, खजूर की बागवानी का मुआयना की और इसे अद्भुत बताया क्योंकि हरियाणा की जमीन पर सेब और खजूर की खेती की कल्पना भी कोई नहीं कर सकता मगर आचार्य देवव्रत जी के मार्गदर्शन में गुरुकुल के फार्म पर यह करिश्मा हो रहा है। उन्होंने लहसुन, प्याज, ब्रोकली, मटर, गोभी आदि सब्जियों की फसलों के रंग और गुणवत्ता को भी सराहा, साथ ही लगभग 5 किलो वजन की शलजम और 15 फीट ऊंचे गन्ने को देख अचरज जताया।
गुरुकुल के क्रेशर पर मंत्री महोदय और आचार्यश्री ने स्वयं कोल्हू में गन्ना लगाया और यहां गुड़, शक्कर, खाण्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से जाना। उन्होंने क्रेशर पर गर्म गुड़ का स्वाद भी चखा। पत्रकारों से बातचीत में मंत्री महोदय ने कहा कि जल्द ही प्राकृतिक खेती के विस्तार और इसकी मोनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय कमेटी बनाई जाएगी। इसके साथ प्रदेश स्तर पर भी ऐसी कमेटियों को गठन होगा जिससे प्रगति रिपोर्ट डीडीओ के माध्यम से सरकार पर जाएगी।

इससे पूर्व गुरुकुल परिसर में पहुंचने पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी सहित गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, उप प्रधान मा. सतपाल काम्बोज, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण शर्मा, डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, डॉ. हरिओम, डॉ. बलजीत सहारण, रामनिवास आर्य आदि ने जोरदार स्वागत किया। यहां पर मंत्री महोदय ने गुरुकुल की एन.डी.ए. विंग, आर्ष महाविद्यालय, देवयान विद्यालय भवन सहित अत्याधुनिक गोशाला का मुआयना की। गोशाला में गायों के उत्तम स्वास्थ्य, दूध देने की क्षमता और देश नस्लों के संवर्धन के बारे में आचार्यश्री ने विस्तार से बताया। उन्होंने प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले जीवामृत और घनजीवामृत के गुणों पर भी चर्चा की। अन्त में राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी द्वारा माननीय मंत्री जी व अन्य अतिथियों को ‘ओ३म्’ का स्मृति-चिह्न एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।

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Author: Online Bhasker

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