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हरियाणा राजस्व विभाग में 2 नायब तहसीलदार सस्पेंड, वजह बिना NOC रजिस्ट्री करा दी, जांच में दस्तावेज नहीं दिए : दीपा शर्मा

हरियाणा : हरियाणा में सरकारी प्रणाली की गंभीर लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। दो नायब तहसीलदारों को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने बिना NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त किए संपत्ति की रजिस्ट्री कर दी और जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए। यह मामला पूरे राजस्व विभाग में हलचल मचा रहा है।

रजिस्ट्री के लिए NOC अनिवार्य, फिर भी हुआ नियमों का उल्लंघन

राज्य के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी भूमि की रजिस्ट्री से पहले संबंधित विभाग से NOC लेना अनिवार्य है। इससे यह पुष्टि होती है कि भूमि पर कोई सरकारी दावा, विवाद या कानूनी रोक नहीं है। लेकिन नायब तहसीलदारों ने इस प्रक्रिया को दरकिनार कर रजिस्ट्री कर दी, जिससे संदेह और बढ़ गया।

इस पूरे मामले की जांच जब शुरू हुई तो दोनों अधिकारियों ने दस्तावेज देने में टालमटोल शुरू कर दी। जांच अधिकारी जब संबंधित फाइलों और प्रमाणों की मांग करते रहे, तब तक दोनों नायब तहसीलदार सहयोग नहीं करते रहे। यह रवैया खुद ही लापरवाही और संदेह को बढ़ाने वाला था।

इस मामले के सामने आते ही हरियाणा सरकार ने सख्ती बरतते हुए प्रदेश भर के 44 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को रडार पर ले लिया है। इनके पिछले छह महीनों के कामकाज की गहन जांच की जाएगी। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, कई जगहों पर नियमों को नजरअंदाज कर संपत्ति की रजिस्ट्री की गई है।

हरियाणा के राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ कहा है कि यह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। जिस भी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाएगी, उसे तुरंत सस्पेंड किया जाएगा और कानूनी कार्यवाही भी होगी।”

इस घटना ने आम नागरिकों को भी झकझोर दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर सरकारी अधिकारी ही नियमों की अनदेखी कर रजिस्ट्री करने लगें, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा? कहीं यह एक बड़े स्तर का भ्रष्टाचार तो नहीं?

यह घटना केवल दो अधिकारियों की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में मौजूद खामियों की ओर इशारा करती है। हरियाणा सरकार को चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी आधारित ट्रैकिंग सिस्टम अपनाए और नियमित ऑडिट कराए। साथ ही दोषियों को सख्त सजा देकर उदाहरण पेश करे, ताकि अन्य अधिकारी भी नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हों।

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Author: Online Bhasker

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