अपना ओर अपने परिवार का बदलते मौसम में ध्यान रखना जरूरी : डा. अनेजा
कुरुक्षेत्र,(राणा) । कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डा. आशीष अनेजा ने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि एक बार फिर मौसम में बदलाव कई तरह की बीमारियां लाया है। आज कल देश भर में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है, वहीं, डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं। ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव किया जाए।अक्सर हमने देखा है कि मौसम बदलते ही ज्यादातर लोग बीमार पड़ने लगते हैं।
ऐसे में डॉ. आशीष अनेजा ने बताया कि खुद को हेल्दी रखने से और लाइफस्टाइल बदलकर हम इन बीमारियों से बच सकते है। पानी से इस दौरान बीमारी फैलने का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए इस दौरान पानी उबाल कर पीना चाहिए। बाहर खाना खाने से भी इस दौरान बचना चाहिए। सर्दी का कोहरा गर्मी की धूप की जगह लेने लगा है। मौसम सुहावना है, लोग ठंडी चीजों का और बाहर के खाने का सेवन कर रहे हैं, ये सब चीज़ें शुरुआत में अच्छी लगती हैं, मगर आगे चलकर आपकी ही परेशानी का कारण बन सकती हैं। मौसम की हल्की ठंडक शुरू हो चुकी है, ऐसे में आपकी ये छोटी – छोटी गलतियां, बीमारियों का कारण बन सकती हैं। मौसम तेजी से बदल रहा है, इसलिए सुबह-शाम ठंड और दोपहर में गर्मी महसूस होती है। ऐसे में जो लोग दोपहर को बाहर से आते हैं, उन्हें घर आते ही पंखा चलाने की इच्छा महसूस होती है, लेकिन ऐसी गलती भूलकर भी न करें, क्योंकि बीमारी की सबसे बड़ी वजह यही है। इससे सर्दी-गर्मी हो जाती है, जिससे कुछ देर बाद बुखार महसूस होने लगता है।
इसलिए जब भी बाहर से आए, गर्मी महसूस हो तो भी पंखा न चलाएं, बल्कि कुछ देर आराम से बैठें। तापमान अपने आप सामान्य लगने लगेगा। सुबह के वक्त ठंडी हवा, दिन में गर्मी और शाम होते-होते फिर ठंड। यह बदलता मौसम आपको बीमार कर सकता है। यही वजह है कि इस बदलते मौसम में लोग जुकाम, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों में जलन, पेट दर्द, फ्लू और एक्जिमा जैसी कई बीमारियों का शिकार होने लगे हैं। इस मौसम में अस्थमा के मरीजों की दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं। बीमारियों का उन लोगों को ज्यादा खतरा रहता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर होती है। ऐसे में जरूरत है कि बदलते मौसम के अनुसार,जीवन-शैली में कुछ बदलाव किए जाएं। जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियों से बचने का सबसे आसान तरीका है हाथों को साफ रखना। हमारे हाथ हमेशा ही गंदे रहते हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग अपने हाथों को सामने रखकर खांसते या छींकते हैं या फिर पूरे समय अपनी नाक को हाथों से ही पोंछते रहते हैं। इसलिए अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना बेहद जरूरी है।
अगर आप ऐसी जगह पर हैं, जहां आप हैंडवॉश नहीं कर सकते तो सैनिटाइजर अपने साथ रखें और इसका इस्तेमाल करते रहें। अस्थमा से पीड़ित हैं तो खुद को गरम रखें और डॉक्टर के बताए सभी निर्देशों का पालन करते रहें। अगर डेंगू हो गया है तो नारियल पानी ले, आराम करे और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं खाएं। प्रतिदिन कम से कम आठ से नौ गिलास पानी पीकर अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें। आम, आलूबुखारा, टमाटर, खीरा, योंगचक, जामुन, तरबूज, संतरा आदि का सेवन करें। संतरे और तरबूज जैसे फल न केवल हमें आवश्यक पोषक तत्व और खनिज प्रदान करते हैं, बल्कि हमारे शरीर को हाइड्रेट भी करते हैं और हमारे शरीर को आंतरिक रूप से ठंडा करते हैं जिससे हमें मदद मिलती है।
प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट एरोबिक व्यायाम करने की सिफारिश की जाती है, जो सप्ताह में 5 दिन प्रति दिन 30 मिनट के बराबर है। व्यायाम करने का सबसे अच्छा समय सुबह है, इसलिए नहीं कि यह कोई अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है, बल्कि इसलिए कि आप इसे दिनभर ऊर्जावान महसूस करेंगे।
अंत में डॉ. अनेजा का कहना है कि सही समय पर उचित कदम उठाने से डेंगू बुखार से आसानी से बचाव किया जा सकता है। डेंगू से बचने के लिए घर में या आसपास पानी जमा न होने दें, पूरे बाजू के कपड़े पहनें,मच्छर से बचने वाले रिप्लेंट या कॉयल का प्रयोग करें, पेड़ पौधों के पास जाएं या घर के बाहर निकलें तो शरीर को ढक कर। जूते मोजे पहन कर निकलें,पानी की टंकी को ढक कर रखें।
कीटनाशक और लार्वानाशक दवाइयों का छिड़काव करें, अपने घर के आसपास साफ सफाई बनाए रखने में जागरुकता फैलाएं, स्वस्थ खान पान वाली जीवनशैली अपनाएं, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहे।