- प्रदेश में रोजगार नहीं, इसलिए विदेश जाने को मजबूर बेरोजगार
- सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर कर दिए खत्म
चंडीगढ़, 21 जुलाई।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने हरियाणा में सरकारी रोजगार को तो खत्म कर ही दिया, साथ में निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर समाप्त कर दिए हैं। प्रदेश में रोजगार नहीं है इसलिए बेरोजगारों को विदेश जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। रोजगार की आस में यूक्रेन-रूस के युद्ध क्षेत्र में फंसे युवाओं को वापस लाने का इंतजाम तुरंत प्रभाव से प्रदेश सरकार को करना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब हरियाणा के युवा यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंसे हों। इससे पहले रूस की ओर से भी कई युवा युद्ध क्षेत्र में धकेले जा चुके हैं। कोई भी घर या परिवार नहीं चाहता कि उसके बच्चे किसी ऐसी जगह पर जाएं, जहां कोई लड़ाई-झगड़ा चल रहा हो या फिर अशांति हो। लेकिन, पेट को भरने की मजबूरी युवाओं को देश-प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कितने शर्म की बात है, जो हरियाणा सरकार खुद ही युवाओं को इजराइल जैसे अशांत व युद्ध क्षेत्र में भेजने को कैंप लगवा रही थी। यह बेरोजगारों की मजबूरी ही कही जाएगी, जो वे यहां पर भूखे मरने की बजाए वहां गोली से मरने का रास्ता चुन रहे थे। बाकायदा मीडिया को दिए इंटरव्यू में कई युवाओं ने खुद इस बात को स्वीकार भी किया था। इसके बावजूद भाजपा और उसकी प्रदेश सरकार का दिल नहीं पसीजा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री को सार्वजनिक तौर पर बताना चाहिए कि यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंसे प्रदेश के युवाओं की घर वापसी के लिए वे क्या इंतजाम कर रहे हैं और इन्हें कब तक वापस लेकर आएंगे। साथ ही बताना चाहिए कि दिल्ली में बैठे अपने राजनीतिक आकाओं के संज्ञान में पूरे प्रकरण को क्यों नहीं ला रहे। क्योंकि, इन युवाओं के जबरन युद्ध क्षेत्र में पहुंचने के पीछे सबसे अधिक जिम्मेदार भाजपा और उसकी युवा विरोधी सरकार ही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साथ ही यह भी बताना चाहिए कि जब नौकरी बेचने वाले दलाल हरियाणा के हजारों युवाओं से पैसा वसूली कर उन्हें विदेशों में गलत तरीके से भेज रहे थे, तो फिर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कोई भी कार्रवाई क्यों नहीं की। जिस करनाल जिले ने प्रदेश को लगातार दो मुख्यमंत्री दिए, वहां से सैकड़ों युवा इस तरह विदेशों में चले गए तो इन्होंने अपने क्षेत्र के युवाओं के प्रति उदासीनता व बेरुखी क्यों दिखाई। आखिर कैथल, कुरुक्षेत्र के विदेश में फंसे युवाओं को अभी तक ये वापस क्यों नहीं ला पा रहे हैं।
फोटो सैलजा