उनाति और मारुत ड्रोन एकेडमी ग्रामीण पंजाब के पहले आरपीटीओ होंगे
चंडीगढ़, 19 अगस्त, 2024: द उनाति एग्री अलाइड एण्ड मार्केटिंग मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (यूएएमएमसीएल) ने मारुत ड्रोन एकेडमी (हैदराबाद की मारुत ड्रोनटेक प्रा. लि. के 100% स्वामित्व वाली सब्सिडियरी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत पंजाब के होशियारपुर जिले में एमआरपीडी गवर्नमेंट कॉलेज, तलवारा के साथ मिलकर एक अत्याधुनिक ड्रोन ट्रेनिंग एकेडमी की स्थापना होगी। इस आरपीटीओ को उनाति मारुत ड्रोन एकेडमी कहा जाएगा और ग्रामीण पंजाब में यह पहला आरपीटीओ होगी।
भारत को 2030 तक ड्रोन हब बनाने के राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुसार और ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिये, यह एकेडमी कोर्सेस की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करेगी। इनमें डीजीसीए से प्रमाणित ड्रोन ट्रेनिंग कोर्स, एग्रीकल्चर ड्रोन स्प्रेइंग और ड्रोन की मरम्मत तथा रख-रखाव का कोर्स शामिल है। यह एकेडमी कंटेन्ट और कौशल के विकास के विभिन्न प्रशिक्षणों के लिये भारत की अग्रणी ड्रोन प्रशिक्षण प्रदाता मारुत ड्रोन एकेडमी (एमडीए) के साथ गठजोड़ कर रही है। एकेडमी हर साल 200 लोगों को प्रशिक्षित करेगी और प्रशिक्षण के बाद नौकरी के अवसर पाने में भी ग्रेजुएट्स की सहायता करेगी। ‘उनाति मारुत ड्रोन एकेडमी’ भारत और पंजाब की सरकारों की विभिन्न योजनाओं के मुताबिक काम करेगी, ताकि पंजाब के युवाओं और महिलाओं के बीच ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिले।
यूएएमएमसीएल के संस्थापक श्री ज्योति सारूप ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की नमो ड्रोन दीदी योजना की तर्ज पर मारुत ड्रोन एकेडमी के साथ मिलकर उनाति तलवारा में डीजीसीए से अनुमोदित ड्रोन पायलट ट्रेनिंग लॉन्च कर रही है। इसका लक्ष्य राष्ट्र–निर्माण के लिये महिलाओं, स्थानीय युवाओं तथा किसानों का कौशल बढ़ाना है। मारुत ड्रोन एकेडमी के साथ साझेदारी करके हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि राष्ट्र-निर्माण में योगदान देने के लिये महिलाओं को पास आवश्यक कौशल हों। टेक्नोलॉजी उद्योग के अग्रणी साझीदारों के साथ मिलकर काम करने का हमारे पास एक सफल ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसके आधार पर यह पहल मारुत ड्रोन एकेडमी के साथ कई संयुक्त परियोजनाओं की एक शुरुआत है। प्रशिक्षण की विशिष्ट विधियों और सीखने के व्यावहारिक अनुभवों के माध्यम से हम अपने विद्यार्थियों को उपयोगी कौशल एवं योग्यताएं प्रदान करेंगे, ताकि वे सफल ड्रोन उद्यमी बन सकें। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी और वे अपने परिवारों की मदद करेंगे। वे अपने गांवों, कस्बों, शहरों और राज्य में रह पायेंगे। इसके अलावा, उनके रोजगार से देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान बढ़ेगा।’’
मारुत ड्रोन एकेडमी के सीईओ श्री साईं कुमार चिंथाला ने कहा, ‘‘पंजाब भारत का अन्नदाता है और यहाँ के कृषि क्षेत्र में ऐसी चुनौतियाँ हैं, जिन्हें हल किया जा सकता है। मजदूरों की कमी लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, युवा कामगारों का विदेश जाना और प्राकृतिक संसाधनों का कम होना ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें अभिनव समाधान चाहिये। इस तरह से फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना बहुत आवश्यक हो जाता है। हमें तलवारा में पहली ड्रोन एकेडमी स्थापित करने पर गर्व है। इस भागीदारी का लक्ष्य पंजाब के ग्रामीण समुदाय को सशक्त करना और किसानों तथा कॉलेज स्टूडेंट्स को ड्रोन टेक्नोलॉजी अपनाने में सहायता देना है। इससे आने वाले रबी सीजन में फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाने से रोजगार एवं व्यवसाय के कई अवसर मिलेंगे और निवेश पर फौरन शानदार रिटर्न मिलेगा।‘’