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टॉवर के विरोध में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए भिवानी से रवाना हुआ किसानों का जत्था

जब तक मांगें पूरी नहीं होती, हाईटेंशन लाईन का काम नहीं होने दिया जाएगा शुरू : राकेश आर्य

भिवानी, 21 जुलाई : सरकार के आदेश पर निजी कंपनियों के आदेशों पर किसानों के खेतों में लगाए जा रहे टॉवरों के विरोध में किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। इसके बावजूद भी सरकार ने बड़े टॉवरों को लेकर नया नोटिफिकेश जारी किया है। जिसके विरोध में रविवार को किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंर पर जाकर विरोध जताया। इसी कड़ी में भिवानी के रेलवे जंक्शन से भारतीय किसान यूनियन चंढृूनी के जला अध्यक्ष राकेश आर्य की अगुवाई में सैंकड़ों किसानों का जत्था दिल्ली के जंतर-मंतर पर रवाना हुआ। दिल्ली जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन के दौरान लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए भाकियु चंढूनी के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान फैसला लिया कि किसानों के खेतों में लगाए जा रहे टॉवर की ऐवज में बाजार वैल्यू के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। तारों के रो का मार्केट वैल्यू का 70 प्रतिशत दिया जाना चाहिए। लाईन के नीचे काम करते हुए किसान-मजदूर के साथ यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसका 50 लाख रूपये का फ्री इंश्योरेंस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टॉवर के लिए सरकार लाई गई आधी-अधूरी पॉलिसी से किसान सहमत नहीं है तथा वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे। आर्य ने कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती, जब तक हाईटेंशन लाईन का काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। आर्य ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पहले से घाटे का सौदा बनी कृषि व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम बढ़ाए, लेकिन सरकार किसानों को और भी बर्बादी की गर्त में धकेलना चाहती है।

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Author: Bhaskar

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