रोहतक
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राष्ट्र को सदियों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए सैकड़ो साल चले स्वतंत्रता आंदोलन में अनगिनत राष्ट्र भक्त शूरवीरों ने लंबा संघर्ष किया। इस संघर्ष में लाखों लोगों में अपने जीवन को राष्ट्र को समर्पित कर अपने प्राणों को राष्ट्र की आन-बान शान के लिए आहूत किया । उनका यह संघर्ष 19 वीं शताब्दी के अंत में काफी तेज हुआ। आजादी का यह संघर्ष नरम और गर्म विचारों के नेताओं द्वारा आगे बढ़ता रहा। क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह ,राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद , नेताजी सुभाष चंद्र बोस ,रास बिहारी बोस जैसे राष्ट्रभक्तों ने अपना जीवन राष्ट्र के लिए वार दिया । अनेकों शूरवीरों के बलिदानों स्वरूप भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ और राष्ट्र ने इन बलिदानियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की।
**इन्हीं अमर सेनानियों** की याद में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में एक **राज्य स्तरीय स्वतंत्रता सेनानी स्मारक** बनाया गया है जिस पर शहीदी दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन शूरवीरों को याद किया जाता है ,जिन्होंने राष्ट्र की आजादी के लिए संघर्ष किया और अपने प्राणों को वार दिया। आज यह स्वतंत्रता सेनानी स्मारक अच्छी अवस्था में नहीं है । स्मारक के पत्थर टूट कर गिर हुए हैं। रेलिंग टूटी हुई है और चारों तरफ घास और अनावश्यक पौधों उगे हुए हैं। प्रशासन से अनुरोध है कि इस स्मारक का ध्यान रखा जाए और आने वाले 23 सितंबर शहीदी दिवस तक इसकी मरमत करवा कर इस के इलाके को साफ सुथरा करवाने की कृपा की जाए, ताकि शहीदी दिवस पर यहां सुविधा के साथ स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जा सके। जय हिंद।