तीनों कानूनों से किसानों की बजाय पंूजीपतियों को मिलेगी लूट की खुली छूट: राजेवाल

राजेंद्र कुमार
सिरसा,23फरवरी। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शहर के दशहरा ग्राऊंड में हरियाणा किसान मंच के बैनर तले शहीदे आजम भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की जयंति पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें दिग्गज किसान नेताओं बलवीर सिंह राजेवाल, जोगिंद्र सिंह उग्राहा, कुलवंत संधू, मनजीत सिंह धनेर, रूलदू सिंह मानसा, मनदीप नथवान व पंजाबी गायिका रूपिंद्र हांडा ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने की। सर्वप्रथम शहीदे आजम के भांजे प्रो. जगमोहन ने अजीत सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन काल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के जमाने में भी अजीत सिंह ने किसानों के लिए बनाए गए कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उस समय किसानों का आंदोलन काफी लंबा चला था, लेकिन लंबी लड़ाई के बावजूद जीत किसानों की ही हुई थी।
इस मौके पर किसान नेता दलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कानूनों से किसानों को पंूजीपतियों को लूट की खुली छूट मिलेगी। पिछले तीन माह से किसान सड़कों पर है, लेकिन सरकार को इसकी जरा सी भी परवाह नहीं है। सरकार बार-बार बातचीत की दुहाई देकर कानूनों में संशोधन की बात कर रही है, लेकिन संशोधन समस्या का हल नहीं है। देश के अन्नदाता की हालत किसी से छुपी नहीं हुई है। बढ़ती महंगाई ने आमजन को त्राहिमाम करने पर मजबूर कर दिया है। सत्ता में बैठे लोग आवाम की चुप्पी का नाजायज फायदा उठाने की फिराक में हैं, लेकिन उनको ये भ्रम नहीं रखना चाहिए। क्योंकि देश का किसान अब जाग चुका है और जनविरोधी सरकार को सबक सिखाने को आतुर है। सैकड़ों किसान आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं, लेकिन जुल्मी सरकार के चेहरे पर कोई सिकन नहीं है। किसान नेता जोगिंद्र सिंह उग्राहा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कानून किसानों की बजाय अंबानी-अडानी जैसे व्यापारियों को अधिक आजादी देंगे। क्योंकि फसलों की खरीद कर ये लोग उसका उचित भंडारण करेंगे और उसके बाद किसानों से ही खरीदी गई फसलों को मनमाने दामों पर बेचकर लोगों को लूटेंगे। उग्राहा ने कहा कि कैथल में गेहूं के भंडारण के लिए गोदाम बनाया जा चुका है, जिसकी क्षमता की बात करें तो पूरे देश का गेहूं स्टोर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसपी के नाम पर सरकार किसानों से धोखा कर रही है। जब फसलों को कारपोरेट घराने खरीदेंगे तो एमएसपी का कोई वजूद ही नहीं रह जाएगा। क्योंकि कंपनी के मालिक अपनी मर्जी से फसल डील के बाद ही खरीदेंगे। इस मौके पर मनजीत सिंह धनेर ने कहा कि सरकार पंूजीपतियों की गुलाम हो चुकी है। कोविड की आड़ में सरकार ने एक के बाद एक कर सभी सरकारी विभाग पूंजीपतियों के हवाले कर दिए, जिसका आने वाले समय में आमजन को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार चाहती है कि जनता और सरकार के बीच कोई कड़ी न रहे। जनता सीधे तौर पर पंूजीपतियों से ही बात करे। इसके पश्चात पंजाबी गायिका रूपिंद्र कौर हांडा ने गीत के माध्यम से किसान की दास्तां को बयां किया।
इस मौके पर प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि तानाशाह हो चुकी सरकार को सबक सिखाने के लिए देश का किसान व जवान तैयार है। सरकार को ये भ्रम हो गया है कि यहां बोलने वाला कोई नहीं है और वो अपनी मर्जी से जो चाहे कर सकते हैं, लेकिन जब-जब जनता सड़कों पर उतरी है, तब-तब क्रांति आई है। इस बार भी एक ऐसी क्रांति आएगी, जिसे युगों-युगों तक याद किया जाएगा। कार्यक्रम में कई अन्य किसान नेताओं ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस मौके पर सतपाल सिंह सिरसा, दलजीत सिंह रंगा, स्वर्ण सिंह विर्क, जिंदा नानूआन, सुखचैन सिंह, सुखविंद्र सिंह, हैप्पी रानियां, वेद चामल, दयाराम फतेहपुरिया, सुखा सिंह पटवारी, गुरमंगत सिंह, राजपाल सिंह पूर्व एसडीओ, लक्खा सिंह अलीकां, काका पंजुआना, हरपाल सूरतिया, लक्खा रंगा, नी सूरतिया, गुरदीप सिंह बाबा, हरविंद्र सिंह केसुपुरा व कुलवीर लहंगेवाला सहित अन्य उपस्थित थे।