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किसान आंदोलन में प्रायोजित हिंसा का तड़का, युवक को पकड़ कर किया पुलिस का हवाले
Sponsored Terrorism in Kisan movement, farmers cought a youth and hand over to police

किसान आंदोलन को तोड़ने की साजिश का भंडाफोड़
किसान आंदोलन में पुलिस प्रायोजित हिंसा का तड़का सिंघु बॉर्डर पर 26 तारीख को किसान परेड में हिंसा करने वाले ग्रुप के सदस्य को सुरक्षा समिति ने पकड़ा l आंदोलन कारी किसानों की सूझ बूझ से एक ऐसे सख्श को पकड़ने में कामयाबी मिली है जो किसान आंदोलन में हिंसा फैला कर उसे उग्र आंदोलन करार देने के फ़िराक में था l किसानों ने उसे पकड़ कर उसे पत्रकारों के सामने प्रस्तुत्त कर इस षड्यंत्र का पर्दाफास किया l पकड़े गए युवक ने पत्रकारों के सामने स्वीकारा कि उसे राई थाणे के थानेदार प्रदीप से सब निर्देश मिलते थे l ( यह जाँच का विषय है कि राई थाणे में प्रदीप नाम का कोई थानेदार है भी या नहीं ) इस युवक ने बताया 24 जनवरी के किसानों के कार्यक्रम में स्टेज पर बैठे चार किसान नेताओं को गोली मारनी थी l युवक ने यह भी स्वीकारा कि उसके साथ 10 ओर युवा इस षड्यंत्र में शामिल हैं जिनमें 2 लड़कियां भी हैं l इस ने यह भी बताया 26 जनवरी की किसान परेड के दौरान भीड़ में से गोली चलाने का काम करना था l जिस से पुलिस को हिंसक आंदोलन की आड़ में कार्रवाई का मौका मिल जाता l
पकड़े गए युवक ने स्वीकारा कि इस से पहले भी वह इस तरह की कार्रवाई जाट आरक्षण में भी अंजाम दे चूका है l इस युवक ने या भी स्वीकारा है कि उसे इस काम के लिए 10 हज़ार रूपये मिलने थे l इस ने अपने मोबाइल में उन चार लोगों की फोटो भी दिखाई जिन्हें इस 24 जनवरी के कार्यक्रम में गोली मारी जानी थी l इस युवक के बयानों में कितनी सच्चाई है यह जाँच का विषय है लेकिन जिस तरह का खुलास हुआ है वह अगर सच है तो यह दो महीने से शांति पुराण तरीके से चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने की बड़ी साजिश थी जिसे इस आंदोलन की सुरक्षा समिति ने नाकाम कर दिया l
किसान आंदोलन में पुलिस प्रायोजित हिंसा का तड़का सिंघु बॉर्डर पर 26 तारीख को किसान परेड में हिंसा करने वाले ग्रुप के सदस्य को सुरक्षा समिति ने पकड़ा l आंदोलन कारी किसानों की सूझ बूझ से एक ऐसे सख्श को पकड़ने में कामयाबी मिली है जो किसान आंदोलन में हिंसा फैला कर उसे उग्र आंदोलन करार देने के फ़िराक में था l किसानों ने उसे पकड़ कर उसे पत्रकारों के सामने प्रस्तुत्त कर इस षड्यंत्र का पर्दाफास किया l पकड़े गए युवक ने पत्रकारों के सामने स्वीकारा कि उसे राई थाणे के थानेदार प्रदीप से सब निर्देश मिलते थे l ( यह जाँच का विषय है कि राई थाणे में प्रदीप नाम का कोई थानेदार है भी या नहीं ) इस युवक ने बताया 24 जनवरी के किसानों के कार्यक्रम में स्टेज पर बैठे चार किसान नेताओं को गोली मारनी थी l युवक ने यह भी स्वीकारा कि उसके साथ 10 ओर युवा इस षड्यंत्र में शामिल हैं जिनमें 2 लड़कियां भी हैं l इस ने यह भी बताया 26 जनवरी की किसान परेड के दौरान भीड़ में से गोली चलाने का काम करना था l जिस से पुलिस को हिंसक आंदोलन की आड़ में कार्रवाई का मौका मिल जाता l
पकड़े गए युवक ने स्वीकारा कि इस से पहले भी वह इस तरह की कार्रवाई जाट आरक्षण में भी अंजाम दे चूका है l इस युवक ने या भी स्वीकारा है कि उसे इस काम के लिए 10 हज़ार रूपये मिलने थे l इस ने अपने मोबाइल में उन चार लोगों की फोटो भी दिखाई जिन्हें इस 24 जनवरी के कार्यक्रम में गोली मारी जानी थी l इस युवक के बयानों में कितनी सच्चाई है यह जाँच का विषय है लेकिन जिस तरह का खुलास हुआ है वह अगर सच है तो यह दो महीने से शांति पुराण तरीके से चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने की बड़ी साजिश थी जिसे इस आंदोलन की सुरक्षा समिति ने नाकाम कर दिया l
किसान आंदोलन को तोड़ने की हर साजिश के खिलाफ भारत खड़ा है।
ताकतें चाहे जितनी कोशिश कर लें किसी भी हद तक चली जाए , खेती-किसानी और रोटी की लड़ाई को तोड़ नहीं पाएगी। pic.twitter.com/r3XDNMBnT1
— Shubham Pandey🇮🇳 (@ssspanday50) January 22, 2021