पूर्व सांसद रमेश चंद्र तोमर ने कैबिनेट द्वारा मंज़ूर की गई यूपीएस यानी यूनीफाइड पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के हित में अब तक का सबसे बड़ा फ़ैसला बताते हुए स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा कदम है और अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस या यूपीएस में से एक चुनने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा राज्य सरकारों को भी अब इसी तर्ज़ पर घोषणा करना चाहिए।
ग़ौरतलब है कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट के तुरंत पहले के अंतिम 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगी।
अगर किसी पेंशनभोगी को मौत होती है तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत परिवार को मिलेगा।
अगर 10 साल के बाद नौकरी छोड़ते हैं तो दस हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा, केंद्र सरकार 18 प्रतिशत अंशदान करेगी, कर्मचारी का अंशदान एनपीएस की ही तरह दस प्रतिशत होगा। इसके अलावा महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा,साथ ही रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा इकट्ठा राशि से अलग से मिलेगा। हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन+डीए) का दसवाँ हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा। पूर्व सांसद तोमर ने कहा यह सभी बिंदु बहुत सोच समझकर विशेषज्ञों की राय पर तय किए गए हैं। यह ख़ुशी की बात है। देश के लाखों कर्मचारी इसका स्वागत कर रहे हैं।